भारत में योग  का आरंभ से ही बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रहा है. वजन घटाने में योग  का प्राचीन काल से योग का महत्वपूर्ण योगदान रहा है . योग एक बहुत ही प्राचीन शारीरिक और आध्यात्मिक प्रतिक्रिया है. योग का अर्थ है आत्मा का शरीर के साथ मिलना अर्थात आत्मा और शरीर का योग. योग में ध्यान, आसन और प्राणायाम का एक साथ योगदान होता है. योग के द्वारा शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का विकास होता है.

 योगा फॉर वेट लॉस (YOGA FOR WEIGHT LOSS )IN HINDI योगा फॉर वेट लॉस

 वेट लॉस  के लिए विभिन्न योगासनों के वर्णन किए जा रहे हैं—

Content Of Blog—

  •  भुजंगासन   —     Bhujangasana.
  • सूर्य नमस्कार—       Surya Namaskar.
  • अर्धमत्स्येंद्रासन—     Ardha Matsyendrasana.
  • भद्रासन        —   Bhadrasana.
  •  ताड़ासन      —   Tadasana.
  • .वज्रासन       —   Vajrasana.
  • सुखासन       —     Sukhasan.
  • उत्थान पदासन —uttanpadasana.

  YOGA  For Weight loss In Hindi.

Step By Step YOGA For Weight Loss In Hindi.

वजन घटाने में  योग का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. यह हमारे शरीर के सारे अंगों के फिटनेस में सुधार लाता है. और तनाव को भी नियंत्रित करता है. वजन घटाने के लिए यहां कुछ टिप्स बताने जा रही हूं.

हमें सप्ताह में कम से कम तीन से चार बार योग और व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए. और नियमितता  को बनाए रखना चाहिए. योग शरीर की  मांस पेशियों की मजबूती और लचीलापन को बनाए रखने में मदद करता है.दीर्घ काल तक योग करने से हमारे अंदर ऐसी आदत विकसित होती है जो  वजन घटाने में   में काफी मददगार साबित होती है.

योग में हमें ऐसे आसन का चुनाव करना चाहिए —–में – अधिक गतिशील प्रवाह हो . ऐसे आसनों के अभ्यास से हृदय की गति तेज

 

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  1.  भुजंगासन को सर्प आसन भी कहा जाता है इस मुद्रा में व्यक्ति अपने शरीर को सांप की आकृति की तरह बनाता है. इस आसन में शरीर को जमीन पर लेट कर पीठ को  को मोड़कर किया जाता है अपने सिर को  सांप के उठे हुए फन की मुद्रा में रखना होता है.

भुजंग आसन करने की सही प्रक्रिया( Right Way To Do Bhujangasana)

1. पेट के बल लेट जाएं अपने दोनों हाथों को सिर के दोनों तरफ रखें.

2.  अपने पैरों को दान कर रखें और इनके भी थोड़ी दूरी बनाकर रखें.

3.  फिर बारी बारी से अपने माथे, छाती और नाभि को ऊपर उठाना है .

4. ऊपर की तरफ देखें और इस पोजीशन में  अपने शरीर को थोड़ी देर तक रखें.

5. अपने शरीर के weight को दोनों हाथों पर बराबर  रखें.

6. आप अपनी क्षमता के अनुसार इसे 5 से 6 बार कर सकते हैं .

भुजंगासन के फायदे

1. शरीर की मांसपेशियों को मजबूत करता है.

2.. शरीर में लचीलापन के साथ-साथ कंधों और बाहों को मजबूती प्रदान करता है. 

3.    हृदय का स्वास्थ्य अच्छा रहता है स्वास्थ संबंधी बीमारी जैसे अस्थमा में आराम मिलता है.

4. .रीढ़ की हड्डी और कमर को मजबूती प्रदान करता है. और दर्द से आराम मिलता है. पीठ दर्द में आराम मिलता है.

  2  .   सूर्य नमस्कार को सर्वश्रेष्ठ योगासन माना गया है .सूर्य नमस्कार का अर्थ है सूर्य को नमन करना .  सूर्य नमस्कार 12  योगासनसे  मिलकर बना  है .सूर्य नमस्कार एक साथ 12 योगासनों का फायदा देता है इसे करने से एक साथ 12 योगासनों का अभ्यास हो जाता है. इसलिए इसे सर्वश्रेष्ठ योगासन कहां गया है. सूर्य नमस्कार के 12 चरणों का अभ्यास करने से दिमाग सक्रिय और एकाग्र बनता है. इसका अभ्यास सुबह सुबह खाली पेट करना चाहिए और खुली जगह पर जहां ताजी हवा रहे.

 सूर्य नमस्कार को करने के लिए 12 योगासनों का अभ्यास करना होता है. यह 12 योगासनों से मिलकर बना है.

योगा फॉर वेट लॉस (YOGA FOR WEIGHT LOSS )IN HINDI

 सूर्य नमस्कार करने का सही तरीका ( Right Way To Do Surya Namaskar)

  1.  प्रणाम आसन-  सीधे खड़े हो जाएं अपने चेहरे को सीधा कर सूरज की तरफ चेहरा कर ले. दोनों पैरों को बराबर में रखें. दोनों हथेलियों को अपने सीने के पास लेकर आएं और प्रणाम की अवस्था में रखें.
  1.  हस्त उत्तानासन –  इसी अवस्था में रहे और अपने दोनों हाथों को सिर के ऊपर उठाएं पीछे की ओर ले जाए और कमर को पीछे की तरफ झुका ले.
  1.  पादहस्तासन-  धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुके और अपने दोनों पैरों की उंगलियों को छुए और अपने सिर को झुकाते हुए घुटनों से मिलाएं.
  1.  अश्व संचालन आसन धीरे-धीरे सांस लेते हुए दाहिने पैर को पीछे की ओर फैलाएं दाहिने पैर का घुटना जमीन से ऊपर की तरफ होना चाहिए बाएं पैर के घुटने घुटने को मोड़ने और हथेलियों को जमीन पर टिकाए रखें .
  1.  दंडासन –अपने शरीर को सीधा रखें गहरी सांस लेते हुए  दोनों पैरों को पीछे की तरफ रखें अपने दोनों हाथों पर जोर देते हुए आगे के भाग को हाथों के बल पर धीरे-धीरे ऊपर की तरफ उठाएं इसी अवस्था में अपने शरीर को 30 सेकंड तक रखें.
  1. अष्टांग नमस्कार गहरी सांस लेते हुए धीरे-धीरे घुटनों को जमीन से टच करें धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें इस प्रकार  कूल्हे को ऊपर की तरफ उठाएं और शरीर के अंग ढोड़ी, छाती ,हाथ पैर को जमीन से टच करें .
  1.  भुजंगासन– शरीर को सीधा रखें दोनों हाथों  दोनों हाथों को पंजों के बल पर छाती  को ऊपर की तरफ उठाएं अपनी गर्दन को ऊपर उठाते हुए पीछे की तरफ खींचे.
  1.  अधोमुख सवासन– में कूल्हे को ऊपर की ओर उठाते हैं अपने दोनों पैरों की एड़ी को जमीन पर मजबूती से टीका कर  रखते हैं यह सरकार अपने शरीर को Vके आकार में बनाते हैं.
  1.  अश्व संचालन– दोबारा एक बार फिर अश्व संचालन  की मुद्रा को दोहराए इस बार बाएं पैर को आगे रखें और दाएं पैर को पीछे 5 से 10 बार इस आसन को दोहराएं

10. भुजंगासन– शरीर को सीधा रखें दोनों हाथों  दोनों हाथों को पंजों के बल पर छाती  को ऊपर की तरफ उठाएं अपनी गर्दन को ऊपर उठाते हुए पीछे की तरफ खींचे.हथेलियों को जमीन पर रखकर पेट को जमीन से मिलाते हुए सिर को पीछे आसमान की ओर  झुकाएं.

  11. पादहस्तासन-धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुके और अपने दोनों पैरों की उंगलियों को छुए और अपने सिर को झुकाते हुए घुटनों से मिलाएं.

12. प्रणाम आसन-  सीधे खड़े हो जाएं अपने चेहरे को सीधा कर सूरज की तरफ चेहरा कर ले. दोनों पैरों को बराबर में रखें. दोनों हथेलियों को अपने सीने के पास लेकर आएं और प्रणाम की अवस्था में रखें.

सावधानियां—

  1. सुबह सुबह  खाली पेट ताज़ी हवा में सूर्य नमस्कार को करें।
  2.  शुरु में इसे धीरे-धीरे करें।

  3.अर्धमत्स्येंद्रासन

योगा फॉर वेट लॉस (YOGA FOR WEIGHT LOSS )IN HINDI

 अर्धमत्स्येंद्रासन 3 शब्दों के मेल से बना है अर्ध, मत्स्य और इंद्र.

 अर्थ का अर्थ आधा है, मत्स्य  का अर्थ मछली और इंद्र का अर्थ भगवान.

 इस आसन में शरीर को आधा मोड़ते हैं और  घुमाते हैं अर्धमत्स्येंद्रासन हमारे रीढ़ की हड्डी को मजबूती प्रदान करता है और फेफड़ों तक ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद करता है सही मात्रा  में.

 अर्धमत्स्येंद्रासन करने की प्रक्रिया ( Right Way To Do Ardha Matsyendrasana).

1. अपने दोनों पैरों को सामने की ओर फैलाते हुए बैठ जाए.

2. दोनों पैरों और रीढ़ की हड्डी को  सीधा रखें .

3. अपने बाएं पैर को मोड़े और एड़ी को दाहिने कूल्हे के पास रखें .

4. अपने बाएं हाथ को दाहिने घुटने के ऊपर रखें और दाहिने हाथ को पीछे की तरफ  रखें .

अपनी गर्दन कमर और कंधों को  दाहिनी तरफ  से मुड़कर घुमाते हुए दाहिने कंधे के ऊपर की तरफ देखें.

6. 30 से 60 सेकंड तक अपने शरीर को इसी अवस्था में बनाए रखें .

7.  अपने मेरुदंड  रीढ़   की हड्डी को सीधी अवस्था में रखें .

8. लंबी और गहरी सांस लेते रहे.

9. सांस छोड़ते हुए सारे अंगों को ढीला छोड़ें पहले दाहिने हाथ को फिर कमर को छाती और अंत में गर्दन को भी ना छोड़े आराम से बैठ जाए.

10. इसी प्रकार दूसरी तरफ से इस प्रक्रिया को पुनः दोहराएं

अर्धमत्स्येंद्रासन के लाभ:-

1. हमारी रीढ़ की हड्डी मेरुदंड को मजबूती मिलती है.

2. इस आसन को करने से फेफड़ों तक ऑक्सीजन सही मात्रा में पहुंचता है.

3. यह  की रीढ़ हड्डी का लचीलापन बढ़ाता है जिससे पीठ दर्द में राहत मिलती है और पीठ के अकड़न से मुक्ति मिलती है.

4. यह आसन कूल्हे के जोड़ों के दर्द को कम करता है और कठोरता से राहत दिलाता है.

5.  गहरी सांस लें, 30 से 60 सेकंड तक इसी अवस्था में अपने शरीर को रखें .लंबी व गहरी सांस लेते रहें. और छोड़ते रहे फिर धीरे-धीरे अपने शरीर को ढीला छोड़ते हुए सामान्य अवस्था में ले आए.

1. हमारी रीढ़ की हड्डी मेरुदंड को मजबूती मिलती है.

2. इस आसन को करने से फेफड़ों तक ऑक्सीजन सही मात्रा में पहुंचता है.

3. यह  की रीढ़ हड्डी का लचीलापन बढ़ाता है जिससे पीठ दर्द में राहत मिलती है और पीठ के अकड़न से मुक्ति मिलती है.

4. यह आसन कूल्हे के जोड़ों के दर्द को कम करता है और कठोरता से रा

1. हमारी रीढ़ की हड्डी मेरुदंड को मजबूती मिलती है.

2. इस आसन को करने से फेफड़ों तक ऑक्सीजन सही मात्रा में पहुंचता है.

3. यह  की रीढ़ हड्डी का लचीलापन बढ़ाता है जिससे पीठ दर्द में राहत मिलती है और पीठ के अकड़न से मुक्ति मिलती है.

4. यह आसन कूल्हे के जोड़ों के दर्द को कम करता है और कठोरता से राहत दिलाता है.

5.  गहरी सांस लें, 30 से 60 सेकंड तक इसी अवस्था में अपने शरीर को रखें .लंबी व गहरी सांस लेते रहें. और छोड़ते रहे फिर धीरे-धीरे अपने शरीर को ढीला छोड़ते हुए सामान्य अवस्था में ले आए.

 4.भद्रासन Bhadrasana ( Gracious pose)

 भद्र का अर्थ सुंदर सौम्य और अनुकूल होता है. भद्रासन  में हम लंबे समय तक ध्यान में बैठे रह सकते हैं. भद्रासन को करने से शरीर निरोग औरसुंदर बनता है इसके कारण इसे भद्रासन कहा जाता है. भद्रासन को इंग्लिश में ग्रेसियस पोज भी  कहते हैं

 भद्रासन  करने का सही तरीका ( Right Way To Do Bhadrasana In Hindi).

1. वज्रासन में बैठे  दोनों घुटनों के बीच दूरी रखें.

2. अपने पैरों की उंगलियों को जमीन से लगाकर रखें.

3. दोनों पंजों को एक दूसरे से अलग करऔर नितंब को उनके बीच जमीन पर टिका ले.

4. अपने दोनों हाथों को घुटनों पर रखें और दोनों हथेलियों को नीचे की तरफ रखें.

5. शरीर को आराम की स्थिति में रखें  और अपने दृष्टि को नासिका के आगे भाग पर       लगाएं, अपनी नासिका के आगे वाले भाग पर ध्यान  केंद्रित करें.

6. आंखें थक जाने के बाद उन्हें कुछ देर तक आराम  दे.

7. अपनी आंखों को थोड़ी देर के लिए बंद  कर.

8. थोड़ी देर बाद आंखों को खोलने इस प्रक्रिया को दोबारा दोहराएं.

9. इस प्रक्रिया को 10 मिनट तक दोहराएं.

5 .ताड़ासन Tadasana  (Mountain Pose)  —

ताड़ासन संस्कृत के 2 शब्दों के मेल से बना है ताड़    और आसन.  ताड़  शब्द का अर्थ है पर्वत और आसन शब्द का अर्थ बैठने की मुद्रा.

 ताड़ासन को करने से व्यक्ति की लंबाई बढ़ती है. और पाचन तंत्र में मजबूती आती है.शरीर में रक्त संचार सही होता है. बाज, पैरों और  घुटनों आदि में मजबूती आती है.  यह  एक बहुत ही सरल विधि का आसन है. इसे काफी सरलता से किया जा सकता है.

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ताड़ासन योग करने का सही तरीका  (Right Way To Do Tadasana Yoga In Hindi.)

 योगासन को गलत तरीके से करने से नुकसान हो सकते हैं. किसी भी योगासन को सही तरीके से करना चाहिए.

1. किसी भी योगासन को साफ-सुथरी और खुली जगह में करना चाहिए.  सबसे पहले मैट बिछाना चाहिए.

2. इसके बाद कमर और पैर को सीधा रखें और सीधे खड़े हो जाएं.

3. दोनों पैरों की एड़ियों को एक दूसरे से मिलाकर रखें.

4. दोनों हाथों को बगल में  सीधी  अवस्था में रखें.

5.  दोनों हाथों की हथेलियों को आपस में मिलाकर ऊपर उठाएं . इनकी दिशा आकाश की ओर होनी चाहिए.

6. धीरे धीरे पंजों के बल खड़े हो जाएं सांस लेते हुए और अपने शरीर को ऊपर की ओर खींच कर रखें.

7.  इसी मुद्रा में अपने शरीर को कुछ देर तक रखें.

 और सामान्य रूप से सांस  लेते रहें.

8.  ऐसी अवस्था में शरीर का पूरा भार पंजों पर होता है.

9.इसके बाद अपनी सांस  को धीरे-धीरे छोड़ते हुए पूर्व अवस्था में  आ जाएं. और इस प्रक्रिया को 8  से 10 बार दोहराएंI

ताड़ासन करने के फायदे इन हिंदी Benefits Of TADASANA .

1. मधुमेह जैसी बीमारी से बचाव.

2. की  रीढ़ हड्डी की मजबूती को बनाए रखने में सहायक.

3. टखने ,जांग ,कूल्हे ,घुटने की हड्डी को मजबूत बनाए रखने में सहायक.

4.  पाचन क्रिया में सहायक.

5. पीठ दर्द  के निवारण में सहायक.

सावधानियां —

6.वज्रासन (Vajrasana)  —वज्रासन संस्कृत के शब्द वज्र से बना है जिसका अर्थ है आकाश से गिरने वाली बिजली. वज्रासन को घुटनों को मोड़कर पैरों पर बैठकर किया जाता है.

 इस आसन को डायमंड पोज भी कहा जाता है.

अनुलोम विलोम, कपाल भारती प्राणायाम को इस आसन में बैठकर किया जा सकता है.

 इस आसन को हम खाना खाने के बाद भी कर सकते हैं. बल्कि खाना खाने के बाद ही  इस आसन को करना  ज्यादा अच्छा माना जाता है. पाचन तंत्र के लिए खाना खाने के बाद वज्रासन करने से खाना अच्छी तरह से हजम हो जाता है.

यह  योगासन काफी आसान है.

 वज्रासन से  कूल्हे घुटने जांग और टखने की हड्डी मजबूत होती है पीठ और पूरे शरीर की मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं

वज्रासन करने का सही तरीका राइट वे टू डू वज्रासन

1. घुटनों के बल सबसे पहले जमीन पर बैठ जाएं

2. अपने दोनों ऑडियो पर नितंबों को    टिकाए

3. अपने हथेलियों को घुटनों पर रखें

4. अपने पिता और सिर को सीधी अवस्था में रखें

5. दोनों घुटनों को आपस में जोड़ कर रखें

6. सामान्य रूप से सांस लेते रहे

7 अपनी क्षमता के अनुसार 5 से 10 मिनट तक इस अवस्था में बैठे

सावधानियां —

ज्रासन करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है 1.टकने घुटने  की हड्डी में दर्द में इस आसन को ना करें.

2. अगर आपके  और घुटने की हड्डी में लचीलापन नहीं है. पैरों को मोड़ने से दर्द होता है .तो इस आसन को कृपया ना करें. वज्रासन का ज्यादा देर तक अभ्यास नहीं करें

3. अगर किसी को  की रीढ़  हड्डी में परेशानी हो तो इस आसन से को करने से बचना चाहिए.

4. अगर आंख संबंधी कोई परेशानी हो जैसे आंतो के अल्सर हर्निया या बड़ी आंख में किसी भी प्रकार की समस्या हो तो इस आसन को करने से बचना चाहिए

5 गर्भवती महिलाओं को इस आसन से बचना चाहिए.

7.सुखासन (Sukhasan)

 सुखासन योग का सबसे सरल आसन है इसे हठयोग का सबसे सरल आसन माना जाता है. सुखासन का अर्थ है सुख से बैठना सुखासन दो शब्दों से मिलकर बना है, सुख और आसन 

 सुख का अर्थ आराम है और आसन का अर्थ बैठना है अर्थात आराम से बैठना सुखासन को इजी पोज भी कहा जाता है.

सुखासन करने के फायदे इन हिंदी

1. सुखासन से मानसिक शांति और स्थिरता मिलती है.

2. सुखासन थकान और डिप्रेशन को दूर करता है.

3. इसका नियमित अभ्यास छाती को मजबूती प्रदान करता है.

4. इसके नियमित अभ्यास से की  रीढ़ हड्डी सीधी और मजबूत हो जाती है.

5. सुखासन करने से घुटनों और टखनों   की मांसपेशियों  में खिंचाव होता है जिसके कारण उन्हें मजबूती मिलती है.

6. इस आसन को करने से पीठ की  हड्डियों को भी मजबूती और बल मिलता है .

सुखासन करने का सही तरीका( Right Way To Do Sukhasan In Hindi) 

1.  पेट को सीधा रखें और अपने दोनों पैरों को फैला कर बैठ जाएं.

2. दोनों पैरों को क्रॉस करते हुए घुटनों को भीतर की तरफ  मोड़े और पालथी मारकर बैठ जाएं.

3.रीढ़   की हड्डी को सीधा रखें और कंधों को खींच कर रखें

4. अपने दोनों हाथों को गोद में रखें या दोनों घुटनों पर रखें आंखों को बंद कर ले और शरीर को आराम की मुद्रा में रखें.

सावधानियां —

 सुखासन करते समय कुछ सावधानियों को बरतना चाहिए

1. अगर आपके घुटने में चोट की समस्या हो कोई शासन को नहीं करना चाहिए

2. अगर किसी व्यक्ति को  गठिया की बीमारी हो कोई आसन को करने से बचें

3. अगर किसी व्यक्ति को  स्लिप डिस्क की समस्या संभोग करने से बचना चाहिए

8.उत्थान पदासन (uttanpadasana)

 उत्तानपादासन दो शब्दों के योग से मिलकर बना है  उत्तान और पद यहां उतान का का अर्थ है उठाना और पद का अर्थ है पैर अर्थात अपने दोनों पैरों को ऊपर की तरफ उठाना

 इस आसन को नियमित करने से पेट की अतिरिक्त चर्बी कम होती है और कमर अतिरिक्त चर्बी हट जाने से सुडौल बनता है

 उत्तानपादासन करने की सही विधि ( The Right Way To DO uttanpadasana)

1. समतल जमीन पर लेट जाएं.

2. अपने दोनों पैरों को सीधा रखें और अंगूठे को एक साथ मिलाएं.

3. गहरी सांस लें और सामान्य  रहे.

4. लंबी लंबी सांस लें और पैरों को 30 डिग्री के आसपास ऊपर उठाएं.

5. गहरी सांस छोड़ते हुए  30 सेकंड बाद अपने पैरों को वापस नीचे  ले आए .

6.इस प्रकार अपनी सुविधा अनुसार इस आसन को 4 से 5  बार दोहराएं.

 उत्तानपादासन के फायदे 

1.  इस आसन के नियमित अभ्यास से पेट की चर्बी कम होती है.

2. पेट दर्द में आराम मिलता है.

3. पाचन संबंधी समस्या से आराम मिलता है.

4. इस आसन के नियमित अभ्यास से कमर दर्द में आराम मिलता है.

5. स्लिप डिस्क की समस्या खत्म होती है.

 सावधानियां

1. इस आसन को करते समय अपने पेट को खाली रखें.

2. कमर दर्द होने पर इस आसन को ना करें.

3. गर्भवती महिलाओं को इस आसन को नहीं करना चाहिए.

4. अगर पेट का ऑपरेशन हुआ हो तो इस इस आसन का अभ्यास नहीं करें.

Best Time  To Do YOGA For Weight Loss In HINDI.

हमें प्रातः काल योग का अभ्यास करना चाहिए सुबह-सुबह योगाभ्यास करने से  शुद्ध वायु हमारे शरीर के अंदर जाती हैं. जो हमारे दिमाग और शरीर को ऊर्जावान बनाने में मदद करती है, जिससे हमारा मन मस्तिष्क दिन भर ऊर्जावान बना रहता है. हमें सुबह-सुबह योगाभ्यास करना चाहिए.

QAE ( People Also Ask )

1. मोटापा कम करने के लिए कौन सा अच्छा योगासन है?

 सूर्य नमस्कार, त्रिकोणासन, वीरभद्रासन.

2. योग करने से कितने दिन में वजन कम होता  है?

  प्रतिदिन 10 योगासन का अभ्यास करने से 10 दिन में 8 – 10 किलो तक वजन कम हो सकता है.

3. क्या सिर्फ योग से वजन कम हो सकता है?

 वजन कम करने में योग काफी प्रभाव कारी साधन है. विशेषज्ञों ने माना है अपने रिसर्च के आधार पर .कई ऐसे योगासन हैं जिनको नियमित करने से हम अपने वजन को कम कर सकते हैं.

4.तेजी से वजन कम कैसे हो सकता है?

 तेजी से वजन कम करने के लिए 10 प्रभावशाली टिप्स

1. रोज  10 से 12 गिलास पानी पिए.

2. अपने भोजन में मीठे को कम शामिल करें.

3.  मॉर्निंग वॉक करें रोजाना.

4. खाने में तेल घी का प्रयोग कम से कम करें.

5. खाने को अच्छी तरह चबाकर खाएं.

6. अपने दिनचर्या में योग को शामिल करें.

7. हरी साग सब्जी और ताजे फलों का सेवन करें.

8. तनाव से बचें.

9. अपने को प्रकृति के नजदीक रखें.

10. अपने पसंदीदा कार्यों में समय व्यतीत करें.

Conclusion —

हम आशा करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। योग के नियमित अभ्यास से जीवन में सुधार होता है. योग हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है .हमारे शरीर को स्वस्थ और स्फूर्ति  वान रखता है. योग के नियमित अभ्यास से हमें मानसिक शांति मिलती है योग हमारे शरीर को लचीला और मजबूत बनाता है वजन कम करने में  योग का महत्वपूर्ण स्थान रहा है .योग से शरीर अंदरूनी और बाहरी दोनों प्रकार से मजबूत बनता है. हमें अपने शरीर को स्वस्थ मजबूत और तंदुरुस्त बनाए रखने के लिए रोजाना योग का अभ्यास करना चाहिए. विभिन्न प्रकार के योगासन जिनका वर्णन ऊपर किया गया है,  कI नियमित अभ्यास   हमें मोटापे को कम करने में मदद करते हैं. वेट लॉस करने में हमारी सहायता करते हैं.योग से हमारा शरीर रोगमुक्त बनता है.

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By Radha

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