Obesity,Causes,Symptom,Prevention & Treatment. Full
इस लेख में हम आपके साथ चर्चा करेंगे
1.ओबेसिटी मोटापा क्या है .What Is Obesity.
2.मोटापा के क्या कारण है .What’s The Causes Of Obesity.
3.मोटापा क्यों होता है .Why Obesity Occurs.
4. ओबेसिटी के लक्षण क्या है.What’s The Symptom Of Obesity.
आजकल का समय बहुत भागदौड़ का है. लोगों का जीवन अति व्यस्त होता जा रहा है. अपने कार्यों में लोग सारा दिन व्यस्त रह रहे हैं. व्यस्त दिनचर्या में से जो समय मिलता है .उसे लोग मोबाइल, टीवी एवं लैपटॉप में लगाते हैं . व्यायाम जो कि शरीर को स्वस्थ रखने का एक प्रमुख क्रिया है लोग अपनी दिनचर्या में शामिल नहीं कर रहे जिसके कारण लोग मोटापे का शिकार होते जा रहे हैं.
व्यायाम से शरीर की अनावश्यक कैलोरी बर्न होती है. मोटापा 21वीं शताब्दी का एक बहुत ही गंभीर बीमारी बनता जा रहा है. एन एस एच एस राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार विगत 20 वर्षों में देश में मोटे व्यक्तियों के अनुपात में काफी बढ़ोतरी हुई है. रिसर्च के अनुसार जिनका बीएमआई बॉडी मास इंडेक्स 25 केजी पर मीटर स्क्वायर से अधिक है उन्हें मोटा माना जाता है मोटे व्यक्तियों के श्रेणी में रखा जाता है
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1. मोटापा क्यों होता है .What Causes Obesity In Hindi
2. ओबेसिटी के लक्षण क्या है. Symptom Of Obesity In Hindi.
3.मोटापा क्या है . What Is Obesity In Hindi.
4.मोटापा के कितने प्रकार हैं.How Many Types Of Obesity In Hindi.
5.Treatment Of Obesity.
मोटापा क्यों होता है causes ऑफ ओबेसिटी
मोटापा के निम्न प्रमुख कारण होते हैं
1. आनुवांशिक कारण. Genetic reason.-:
मोटापे के कारणों में अनुवांशिक भी एक प्रमुख कारण माना गया है अगर आपकी पुरानी पीढ़ियों में लोग मोटे हो रहे हैं तो आगे की पीढ़ियों में भी लोग मोटे होते जाएंगे. अगर आप की माता पिता मोटे रहे हैं तो बच्चों में भी यह गुण स्वाभाविक रूप में आ जाएगा.
2. अस्वास्थ्य कर भोजन .Unhealthy Food .
आजकल लोग जंक फूड फास्ट फूड को अपने भोजन में शामिल कर रहे हैं. जो स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक माना जाता है. जंग फूड पिज्जा, मैगी, बर्गर, चाऊमीन इत्यादि के खाने से व्यक्ति के शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. यह भी मोटापे का एक प्रमुख कारण है.
3. कुछ दवाई जिनका प्रयोग व्यक्ति अपनी शारीरिक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए करता है. जैसे एस्टेरॉइड इस प्रकार की दवा के सेवन से भी व्यक्ति का वजन बढ़ने लगता है. यह दवाएं हार्मोन असंतुलन का कारण बनती है .
4. महिलाओं में गर्भावस्था के समय हार्मोन असंतुलन के कारण भी मोटापे की समस्या होने शुरू हो जाती है .
5. अत्यधिक मात्रा में भोजन ग्रहण करना.
6. मेनोपॉज महिलाओं में जब मासिक धर्म बंद हो जाता है अर्थात जब रजोनिवृत्ति होते हो जाती है तब महिलाओं में मोटापे की समस्या बढ़ने लगती है.
मोटापे के कारण व्यक्ति भिन्न भिन्न प्रकार की बीमारियों का शिकार होने लगता है ,जो निम्नलिखित हैं-:
- हाई ब्लड प्रेशर उच्च रक्तचाप
- कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़
- स्त्री रोग संबंधी बीमारियां जैसे irregular menstruations, बांझपन, योन संबंधी समस्याएं.
- लीवर का बढ़ जाना फैटी लीवर Fatty Liver.
- ओस्टियोआर्थराइटिस
- अनिद्रा की समस्या नींद ना आना Insomnia.
- ओस्टियोआर्थराइटिस
- अनिद्रा की समस्या नींद ना आना
- गठिया Gaut.
- उच्च रक्तचाप High Blood Pressure
- मधुमेह Diabetes.
- हृदय रोग Heart Disease.
- हार्मोनल डिस्टरबेंस की प्रॉब्लम.
मोटापे से बचाव के उपाय
How To Control Obesity.
Healthy खानपान एवं संयमित दिनचर्या को अपनाकर हम मोटापे की समस्या से निजात पा सकते हैं .
- हरी सब सब्जियों एवं ताजे फलों को अपने भोजन में शामिल करें.
- हरी साग सब्जियों जैसे पालक मेथी सरसों पत्तेदार सब्जियों में लौह तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं .जिन से वजन कम करने में मदद मिलती है. हरी पत्तेदार सब्जियों में विटामिन ए, बी, सी विटामिन हिंदी में फोलिक एसिड राइबोफ्लेविन विटामिन बी 12 पाए जाते हैं ,प्रचुर मात्रा में विटामिंस की आपूर्ति होती हैl जिससे वजन कम होता है इनके सेवन से दूसरा गेहूं के आटे के बजाए मिश्रित आटे का प्रयोग अपने भोजन में करें मिश्रित आंटे जैसे जो कांटा चने का आटा बाजरे का आटा इन से बनी रोटियों का प्रयोग करें इनमें गेहूं के आटे के मुकाबले कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है यह आसानी से पच जाता है.
- गेहूं के चौकरसे बनी रोटी का प्रयोग करें
यह Easily Digestible होता है. तथा वजन ना बढ़ने में सहायक होता है .
- अंकुरित चने हरा मूंग सोयाबीन इत्यादि का सेवन करें.
इनमें अधिक मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं स्प्राउट्स का सेवन करें .यह हमारे शरीर को ऊर्जावान बनाते हैं. फाइबर होने के कारण हमारा भोजन आसानी से बाहर निकल आता है मलद्वार के रास्ते से कब्ज की समस्या दूर होती है.
अतः स्प्राउट्स को अपने भोजन में जरूर शामिल करें.
- नींबू पानी
भी वजन घटाने में काफी कारगर उपाय है का सेवन भी रोज सुबह एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू के एक चम्मच रस को मिलाकर उसका सेवन करें. यह मोटापे की समस्या को काफी हद तक कम करता है .
- नारियल पानी का सेवन भी वजन घटाने में काफी मददगार होता है रोज सुबह नारियल पानी का सेवन शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी को दूर करता है .
- व्यायाम एक्सरसाइज करें
रोजाना व्यायाम को
- अपनी दिनचर्या में शामिल करें और कम से कम 30 मिनट रोजाना पैदल चलने की आदत डालें भोजन करने के बाद कम से कम 30 मिनट पैदल चलने से भोजन अच्छी तरह से डाइजेस्ट हो जाता है जिसके कारण मोटापे की समस्या नहीं होती.
- शहद का सेवन करें
रोज सुबह गुनगुने पानी मैं एक चम्मच शहद मिलाकर सेवन करें. सुबह सुबह गुनगुने पानी का सेवन शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है.
- अंकुरित अनाजों
एंटीऑक्सीडेंट एवं विटामिन ए बी सी और इ से भरपूर होता है. एंटी ऑक्सीडेंट होने के कारण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. जिससे शरीर कई प्रकार की बीमारियों से लड़ने में सक्षम होता है. अंकुरित अनाजों में आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम एवं फास्फोरस आदि लवण पाए जाते हैं. अंकुरित अनाज प्रोटीन से भरे होते हैं. जिसके कारण शरीर की मांसपेशियां मजबूत बनती है. इनमें कैलोरी की मात्रा कम होती है .जिसके कारण मोटापे की समस्या की संभावना नहीं होती. अंकुरित अनाजों में फाइबर की मात्रा बहुत अधिक होती है जिससे हमारी पाचन क्रिया सही रहती है.
मोटापा और शरीर का वजन बढ़ना ऊर्जा के सेवन और ऊर्जा के असंतुलन के बीच उपयोग के असंतुलन के कारण होता है.
ऑपरेशन वजन घटाने वाली सर्जरी में शामिल है गैस्ट्रिक बायपास सर्जरी
लेप्रोस्कोपी गैस्ट्रिक बैंडिंग बिलीव पेनक्रिएटिक डायवर्सन
मोटापा क्यों बढ़ता है मोटापा बढ़ने का सबसे सबसे मुख्य कारण है आप जितना रोज कैलोरी खाते हैं जितनी उसी से कम रोजमर्रा की गतिविधियों और व्यायाम में वर्णन करते हैं वर्ण करते हैं समय के साथ यह अतिरिक्त कैलोरी जमा होती है और वजन बढ़ने का कारण बंटी जाती है.
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मोटापा के प्रकार Types Of Obesity-:
- डायबेसिटी मोटापा-:
यह यह डायबिटीज और ओबेसिटी से मिलकर बना हुआ है मोटे लोगों में डायबिटीज का खतरा कई गुना अधिक होता है.
- Frolic Obesity.
बचपन में कभी-कभी हार्मोन संबंधी बीमारियां देखने को मिलती है जैसे हाइपोथेलेमस ग्रंथि में खराबी आ जाना ट्यूमर के कारण मोटापा देखने को मिलता है इसमें पेट कमर और छाती वाले हिस्से मेंमोटापा बढ़ने लगता है .
- Glandular Obesity.
कुछ लोगों में बचपन में ग्रंथियों में विकृति देखने को मिलती है किसे ग्लैंड और ओबेसिटी कहते हैं इसमें शरीर में इतने शरीर के कुछ अंगों में जैसे पेट जांग हाथ कमर आदि पर चर्बी जमा होने लगती है बाद में यह पूरे शरीर पर दिखने लगता है
- cushing obesity.
इस प्रकार के मोटापे में एड्रिनल ग्रंथि में सूजन आने के कारण होता है का मोटापा एड्रिनल ग्रंथि में सूजन आने से स्टेरॉयड हार्मोन अधिक मात्रा में निकलने लगता है जिसके कारण इस प्रकार का मोटापा पाया जाता देखने को मिलता है जिसका पता काफी दिनों तक नहीं चलता
- . हाइपोथैलेमिक ओबेसिटी.Hypothalamic Obesity.
भूख का नियंत्रण हाइपोथेलेमस ग्रंथि के कारण होता है नींद को नियंत्रित करने की क्षमता भी सी ग्रंथि को होती है इस प्रकार इस व्यक्ति को तेज भूख लगती है खाना ना मिलने पर गुस्सा आता है और मोटापा बढ़ता है.
मोटापे के लक्षण Symptom Of Obesity.
- ज्वाइंट पेन जोड़ों में दर्द होना
- अनिद्रा की समस्या होना
- हाई ब्लड प्रेशर उच्च रक्तचाप होना
- डायबिटीज मधुमेह की शिकायत होना
- दैनिक कार्यों में समस्या
- ज्वाइंट पेन
- Gout की समस्या
- थकान महसूस करना
- थायराइड ग्लैंड की प्रॉब्लम
मोटापे का इलाज Treatment Of Obesity In Hindi—
इसके अंतर्गत सबसे पहले हमें अपने खानपान में बदलाव की जरूरत होती है जिससे शरीर का संतुलन बना रहे मोटापे से बचाव के लिए हमें नियमित रूप से व्यायाम और योगा करना चाहिए.
शुरुआती समय में डाइट और एक्सरसाइज के द्वारा कंट्रोल करना चाहिए अगर शुरुआत शुरुआत में ही मोटापे को कंट्रोल ना किया गया योगा एक्सरसाइज और खानपान में बदलाव से तो यह एक बहुत बड़ी समस्या बन जाता है. आगे चलकर और कई बीमारियों को जन्म देने लगता है.
मोटापा दूर करने के उपाय के अंतर्गत हमें अपनी उम्र के अनुसार वजन के वजन लक्ष्य तक पहुंचने का है हमारा वजन अपनी उम्र के अनुसार होनी चाहिए इसके अंतर्गत हमें अपने खाने-पीने और शारीरिक गतिविधियों की आदतों को भी सुधारने की आवश्यकता होती है इसके लिए हमें जरूरत पड़ने पर डाइटिशियन एक्सपोर्ट ओबेसिटी स्पेशलिस्ट से परामर्श लेने लेना चाहिए जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञों के साथ-साथ आपको भी अपनी आदतों में सुधार लाने की आवश्यकता होती है
- बेरिएट्रिक सर्जरी -: मोटापा घटाने के लिए सर्जरी का भी इस्तेमाल किया जाता है इस तरह की सर्जरी को बेरिएट्रिक सर्जरी कहा जाता है. इस सर्जरी के दौरान पेट पर जमा अतिरिक्त चर्बी को हटाया जाता है इस प्रकार की सर्जरी के आवश्यकता जब पड़ती है ,जब व्यक्ति के शरीर को कई प्रकार की बीमारियों का खतरा होता है जैसे उच्च रक्तचाप ,टू टाइप डायबिटीज , मेटाबॉलिक सिंड्रोमI
मेटाबॉलिक सिंड्रोम उस प्रकार की अवस्था को कहते हैं जिसमें शरीर के अंदर कई प्रकार के रोग उत्पन्न करने वाले कारक बढ़ जाते हैं उच्च रक्तचाप डायबिटीज मोटापा और अनियंत्रित कोलेस्ट्रोल इन चारों को मेटाबॉलिक सिंड्रोम कहते हैं इन चारों के कंबाइंड रूप को मेटाबॉलिक सिंड्रोम कहते हैं.
बेरिएट्रिक सर्जरी-:
इस सर्जरी को मेटाबॉलिक सर्जरी भी कहा जाता है इस प्रक्रिया में डॉक्टर हमारे पाचन तंत्र में कुछ बदलाव करते हैं जिसके कारण आप कम खाना खाने लगते हैं आपको भूख कम लगती है और खाए गए भोजन से कम मात्रा में शरीर पोषक तत्व को अवशोषित करता है पेट के आकार को कम किया जाता है जिसके कारण भूख कम लगती है इसके अंतर्गत ऑपरेशन के द्वारा डॉक्टर आंतों में बदलाव कर देते जिसके कारण आधे भोजन से कैलोरी व अन्य पोषक तत्वों को कम मात्रा में अवशोषित कर पाते हैं बेरिएट्रिक सर्जरी कई प्रकार के होते हैं जैसे
लेप्रोस्कोपिक एडजेस्टेबल गैस्ट्रिक बैंड-:
इस प्रोसीजर में पेट के चारों ओर एक बैंड लगाकर उसको बांध दिया जाता है जिससे पेट बंधा हुआ महसूस होता है और भरा हुआ महसूस होता है
गैस्ट्रिक बायपास सर्जरी-:
यह सर्जिकल प्रक्रिया में पेट के ऊपरी हिस्से में थैली बनाई जाती है छोटी उसे आंख से कनेक्ट कर दिया जाता है जिससे पाचन तंत्र भोजन से कम मात्रा में कैलोरी को अवशोषित करता है और पेट जल्दी बन जाता है
गैस्ट्रिक स्लीव सर्जरी -:
इस प्रक्रिया में पेट के कुछ हिस्से को निकाल दिया जाता है जिसके कारण पेट के भोजन संग्रह करने की क्षमता कम हो जाती है पेट जल्दी भर जाता है.
अतः obesity को नियंत्रित करने के लिएमोटापा कम करने के विभिन्न तरीके को अप्लाई करने की जरूरत पड़ती है .कम कैलोरी वाला आहार लेना चाहिए .कम कैलोरी आहार और व्यायाम और योग से वजन कम करने में काफी सहायता मिलती है.